Best 35+ Allama Iqbal Shayari In Hindi 2023 | अल्लामा इक़बाल शायरी

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इस वेबसाइट में आपको हिंदी में अल्लामा इक़बाल की शायरी का कलेक्शन मिलेगा. इस पोस्ट के एन्ड में Related Post मिलेंगे उनको भी आप पढ़ सकते हैं.

Allama Iqbal Shayari

सितारों से आगे जहाँ और भी हैं
अभी इश्क़ के इम्तिहाँ और भी हैं
तही ज़िंदगी से नहीं ये फ़ज़ाएँ
यहाँ सैकड़ों कारवाँ और भी हैं

आँख जो कुछ देखती है लब पे आ सकता नहीं
महव-ए-हैरत हूँ कि दुनिया क्या से क्या हो जाएगी

अंदाज़-ए-बयाँ गरचे बहुत शोख़ नहीं है
शायद कि उतर जाए तिरे दिल में मिरी बात

तिरे इश्क़ की इंतिहा चाहता हूँ
मिरी सादगी देख क्या चाहता हूँ
ये जन्नत मुबारक रहे ज़ाहिदों को
कि मैं आप का सामना चाहता हूँ

नशा पिला के गिराना तो सब को आता है
मज़ा तो तब है कि गिरतों को थाम ले साक़ी

Allama Iqbal Shayari On Namaz

तेरा इमाम बे-हुज़ूर तेरी नमाज़ बे-सुरूर
ऐसी नमाज़ से गुज़र ऐसे इमाम से गुज़र

जो मैं सर-ब-सज्दा हुआ कभी तो ज़मीं से आने लगी सदा
तिरा दिल तो है सनम-आश्ना तुझे क्या मिलेगा नमाज़ में

बे-ख़तर कूद पड़ा आतिश-ए-नमरूद में इश्क़
अक़्ल है महव-ए-तमाशा-ए-लब-ए-बाम अभी

मस्जिद तो बना दी शब भर में ईमाँ की हरारत वालों ने
मन अपना पुराना पापी है बरसों में नमाज़ी बन न सका

न पूछो मुझ से लज़्ज़त ख़ानमाँ-बर्बाद रहने की
नशेमन सैकड़ों मैं ने बना कर फूँक डाले हैं

Allama Iqbal Shayari For Students

ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले
ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है

ख़िर्द-मंदों से क्या पूछूँ कि मेरी इब्तिदा क्या है
कि मैं इस फ़िक्र में रहता हूँ मेरी इंतिहा क्या है

मिलेगा मंज़िल-ए-मक़्सूद का उसी को सुराग़
अँधेरी शब में है चीते की आँख जिस का चराग़

Allama Iqbal Shayari On Ustad

Jo Karte Hai Adab Ustaad Ka
Woh Paate Hai Rifat
Jo Inke Be Adab Hote Hai
Wahi Barbaad Hote Hai

Yahi Rakhte Hai Sehar E Ilm Ki
Har Raah Ko Raushan
Hume Manzil Pe Phucha Kar
Ye Kitne Shaad Hote Hai

Hamari Darsgahoo Me Ye Jo Ustaad Hote Hai.
Haqiqat Me Yhi To Qaum Ki Bunniyad Hote Hai

Best Allama Iqbal Shayari

जब इश्क़ सिखाता है आदाब-ए-ख़ुद-आगाही
खुलते हैं ग़ुलामों पर असरार-ए-शहंशाही

मक़ाम-ए-शौक़ तिरे क़ुदसियों के बस का नहीं
उन्हीं का काम है ये जिन के हौसले हैं ज़ियाद

सौदा-गरी नहीं ये इबादत ख़ुदा की है
ऐ बे-ख़बर जज़ा की तमन्ना भी छोड़ दे

उरूज-ए-आदम-ए-ख़ाकी से अंजुम सहमे जाते हैं
कि ये टूटा हुआ तारा मह-ए-कामिल न बन जाए

तू है मुहीत-ए-बे-कराँ मैं हूँ ज़रा सी आबजू
या मुझे हम-कनार कर या मुझे बे-कनार कर

Allama Iqbal Quotes

निगाह-ए-इश्क़ दिल-ए-ज़िंदा की तलाश में है
शिकार-ए-मुर्दा सज़ा-वार-ए-शाहबाज़ नहीं

अगर हंगामा-हा-ए-शौक़ से है ला-मकाँ ख़ाली
ख़ता किस की है या रब ला-मकाँ तेरा है या मेरा

मुझे रोकेगा तू ऐ नाख़ुदा क्या ग़र्क़ होने से
कि जिन को डूबना है डूब जाते हैं सफ़ीनों में

हर शय मुसाफ़िर हर चीज़ राही
क्या चाँद तारे क्या मुर्ग़ ओ माही

मिरी निगाह में वो रिंद ही नहीं साक़ी
जो होशियारी ओ मस्ती में इम्तियाज़ करे

Allama Iqbal Sher

माना कि तेरी दीद के क़ाबिल नहीं हूँ मैं
तू मेरा शौक़ देख मेरा इंतज़ार देख

हज़ारों साल नर्गिस अपनी बे-नूरी पे रोती है
बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदा-वर पैदा

दुनिया की महफ़िलों से उकता गया हूं या रब
क्या लुत्फ़ अंजुमन का जब दिल ही बुझ गया हो

फ़क़त निगाह से होता है फ़ैसला दिल का
न हो निगाह में शोख़ी तो दिलबरी क्या है

सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा
हम बुलबुलें हैं इस की ये गुलसितां हमारा

साकी की मुहब्बत में दिल साफ हुआ इतना

जब सर को झुकाता हूं शीशा नजर आता है

मिटा दे अपनी हस्ती को गर कुछ मर्तबा* चाहिए

कि दाना खाक में मिलकर, गुले-गुलजार होता है

Allama Iqbal Shayari In English

Jameer Jaag Hi Jata Hai
Agar Dil Jinda Ho To..
Kabhi Gunah Se Pahle
Kabhi Gunah Ke Bad

Ham Jab Nibhate Hain To
Kis Tarah Nibhate Hain
Sans Lena To Chhod Sakte Hain Per
Daman Yaar Nahin

Dhoondta Rehta Hoon Iqbal Apne Aap Ko
Aap Hi Goyaa Musafir Aap Hi Manjil Hu Mai

Khuda Ke Bande To Hai Hajaron
Bano Mein Phirte Hain Mare Mare
Main Uska Banda Banunga
Jisko Khuda Ke Bando Se Pyar Hoga

Jante Ho Tum Fir Bhi Anjaan Bante Ho
Is Tarah Hamen Pareshan Karte Ho..
Puchte Ho Tumhen Kiya Pasand Hai
Jawab Khud Ho Fir Bhi Sawal Karte Ho.

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अंतिम शब्द

दोस्तों मैं उम्मीद करता हूँ कि इस वेबसाइट में शेयर की गईं Allama Iqbal Shayari आपको बहुत पसंद आयी होंगी।अपनी पसंदीदा शायरी को कमेंट करके हमारे साथ जरूर बताएं और अपने दोस्तों के साथ अल्लामा इक़बाल की इन खूबसूरत शायरियों को शेयर करना ना भूलें.

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